Zibah ki Duaayein
ज़ीबह करने की दुआ:
بِسْمِ الله الله أَكْبَرُ
बिस्मिल्लाहि – वल्लाहु अकबर. 1
कुरबानी और अकीकह की दुआएँ :
بسم الله
1. बिस्मिल्लाह 2
2. बिस्मिल्लाह, अल्लाहुम्म-तकब्बल-मिन 3
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से शुरु, ऐ अल्लाह क़बूल फरमा… से।
إِنِّي وَجَّهْتُ وَجْهِيَ لِلَّذِي فَطَرَ السَّمَوَاتِ وَالْأَرْضَ حَنِيفًا وَمَا أَنَا مِنَ الْمُشْرِكِينَ إِنَّ صَلَاتِي وَنُسُكِي وَمَحْيَايَ وَمَمَاتِي لِلَّهِ رَبِّ الْعَلَمِينَ لَا شَرِيكَ لَهُ ۚ وَ بِذلِكَ أُمِرْتُ وَ أَنَا أَوَّلُ الْمُسْلِمِينَ بسم الله الله اكبر ، اللّهُم مِنْكَ وَلَكَ مِنْ
3. इन्नीवज्जहतु वहि-य लिल्लजी फतरस्समावाति वल अर्ज़ हनीफंव् वमा अना मिनल मुश्रिकीन 4 इन्न सलाती व नुसुकी व महया य व-ममाती लिल्लाहि रब्ब्बिल आलमीन 5 ला शरीकलहु व बि-जालि क उमिरतु व-अना अव्वलुल मुस्लिमीन 6 बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अकबर, अल्लाहुम्म मिन्क, व-ल-क-मिन….. 7(सहीह)
वजाहत :
1. कुरबानी की दुआयें (मिन) इस लफ्ज़ के बाद जिस की तरफ से कुरबानी की जाए उसका नाम लेना चाहिये।
2. अकीकह की कोई ख़ास दुआ नहीं है, इसलिए ज़बह की दुआओं में से जो दुआ चाहें पढ़ सकते हैं।
3. दूसरी दुआ में सूरह अन्आम की तीनों आयतें और दुआ साथ में पढ़ने से एक दुआ बनती है।
- सहीह मुस्लिम : किताबुल अज़ाही (5/218) ↩︎
- सहीह बुखारी : किताबुज्ज़बाएह ( 3 / 248) ↩︎
- सहीह मुस्लिम : किताबुलअज़ाही (5/218) ↩︎
- सूरह अन्आम : 79 ↩︎
- सूरह अन्आम : 162 ↩︎
- सूरह अन्आम 163 ↩︎
- सहीह इब्ने खुजैमह : किताबुलमनासिक बितहक़ीके अद् दकतूर मुहम्मद मुस्तफा अल आज़मी (4/287) ↩︎