खाने पीने की दुआएँ

Khane Peene ki Duaayein

खाने पीने में बरकत की दुआ :

اللهُمَّ بَارِكُ لَنَا فِيهِ ، وَ أَطْعِمُنَا خَيْرًا مِّنْهُ

अल्लाहुम्म बारिक लना फीहि वअइत्मना ख़ैरम मिन्हु 1

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! तू इस में हमारे लिए बरकत दे और हमें इस से बेहतर खिला।


दूध पीने की दुआ:

اللهم بَارِك لَنَا فِيهِ وَ زِدْنَا مِنْهُ

अल्लाहुम्म बारिक लना फीहि वजिदना मिन्हु 2

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! तू इस में हमारे लिए बरकत दे और हमें इस से ज़्यादा दे।


खाना पीना शुरु करने की दुआ: 

بسم الله‎‎, 

बिस्मिल्लाह 

तर्जुमा : अल्लाह के नाम से शुरु।

वजाहत : 

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उमर बिन अबी सल्मह से फरमाया ऐ बच्चे ! अल्लाह का नाम लो यानी ‘बिस्मिल्लाह’ कहो और दाहिने (सीधे) हाथ से खाओ और अपने नज़दीक से खाओ। 3

फज़ीलत : 

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया के जब खाते वक़्त आदमी बिस्मिल्लाह कहता है तो शैतान अपने ताबेदारों से कहता है के यहाँ तुम्हारे लिए खाना नहीं है और जब खाते वक़्त बिस्मिल्लाह नहीं कहता तो शैतान अपने ताबेदारों से कहता है के यहाँ तुम्हारे लिए खाना है। 4


शुरू में बिस्मिल्लाह कहना भूल जाएँ तो यह दुआ पढ़नी चाहिए:

(कोई एक दुआ पढ़नी चाहिए)

بسم اللهِ أَوَّلَهُ وَ آخِرَهُ

1) बिस्मिल्लाहि अव्व- लहू व आखिरह 5

بِسْمِ اللَّهِ فِي أَوَّلِهِ وَ آخِرِهِ

2) बिस्मिल्लाहि फी अव्वलिही वआखिरिह 6

तर्जुमा: इस का अव्वल और आख़िर अल्लाह ही के नाम से है।


खाने पीने के बाद की दुआ:

अल्हम्दुलिल्लाह 7

तर्जुमा : सब तारीफ अल्लाह के लिए है।

वज़ाहत : खाने पीने के बाद की मश्हूर दुआ अल्हम्दु लिल्लाहिल्लजी अत्-मनाव सकाना व ज-अ-लना मुस्लिमीन को अल्लामा अल्बानी ने ज़ईफ कहा है। ज़ईफ सुननुत्तिर्मिज़ी : किताबुददअवात (3457)

फजीलत : रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया : अल्लाह उस बन्दे से खुश होता है जो खाना खाता है या पानी पीता है तो उस पर अल्लाह की तअरीफ करता है।


मेज़बान (खिलाने पिलाने वाले) को दी जानेवाली दुआएँ:

اَللّهُمَّ بَارِكُ لَهُمْ فِيمَا رَزَقْتَهُمْ وَاغْفِرُ لَهُمْ وَارحَمُهُمْ 

1. अल्लाहुम्म बारिक लहुम फीमा रजक्तहुम वग्फिर लहुम वर्हम्हुम 8

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! जो तूने इन को दिया है उस में बरकत अता फरमा और इनकी मग्फिरत फरमा और इन पर रहम फरमा।


اللهُمَّ أَطْعِمُ مَنْ أَطْعَمَنِي، وَاسْقِ مَنْ سَقَانِى  

2. अल्लाहुम्म अत्इम मन अत्अ-म-नी वरिक मन सकानी 9

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! जिसने मुझे खिलाया तू उसे खिला और जिसने मुझे पिलाया तू उसे पिला।


أَفَطَرَ عِندَكُمُ الصَّائِمُونَ وَاكَلَ طَعَامَكُمُ الْابْرَارُ وَصَلَّتْ

3. अफ-तर- इन्द कुमुस्साइमुन व- अ-क-ल तआ-म-कुमुल अब्रारू सल्लत्अलैकुमुल मलाइकह 10

तर्जुमा : रोज़ेदार तुम्हारे पास इफतार करें और नेक लोग तुम्हारा खाना खाएँ और फरिश्ते तुम पर रहमत भेजें।

वज़ाहत : यह दुआ किसी के यहाँ दावत खाने के बाद पढ़ना मस्नून है।

  1. सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल्अल्बानी : किताबुद दवात ( 3 / 3455) (हसन) ↩︎
  2. सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल्अल्बानी : किताबुद दवात ( 3 / 3455) ↩︎
  3. सहीह बुख़ारी : किताबुल अत्इमह (3/201) ↩︎
  4. सहीह मुस्लिम किताबुल अशरिबह : (5/260) ↩︎
  5. सुनन अबीदाऊद : किताबुल अत्इमह (3767) ↩︎
  6. सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल्अल्बानी : किताबुल अत्इ मह (2/1858) ↩︎
  7. सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल्अल्बानी : किताबुल अइमह (2/1816) ↩︎
  8. सहीह मुस्लिम : किताबुल अश्रेबह (13/225) ↩︎
  9. मुख़्तसर सहीह मुस्लिम लिलअलबानी : किताबुल फज़ाइल ( 1553 ) ↩︎
  10. सुनन अबी दाऊद : किताबुल अत्एमह (3854) ↩︎
Khane pine ki Dua in Hindi