Ghar se Nikalne aur Daakhil Hone ki Duaayein
![Ghar se Nikalne ki Dua](https://duainhindi.in/wp-content/uploads/2023/11/Ghar-se-Nikalne-ki-Dua-1-300x300.jpg)
घर से निकलते वक़्त की दुआ :
بِسمِ اللهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللهِ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللهِ
बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तु अलल्लाहि ला हव्-ल वला कुव्वत इल्ला बिल्लाह. 1
तर्जुमा : अल्लाह के नाम से निकलता हूँ, मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, बेशक गुनाह से बचने की ताकत और नेकी करने की कुव्वत (ताकत) अल्लाह ही की मदद से है।
फजीलत : रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया : जो यह दुआ पढ़ कर अपने घर से निकलता है तो उससे कहा जाता है : तू हिदायत दिया गया, किफायत किया गया (काफी हो गया) और हिफाज़त किया गया । उससे शैतान अलग हो जाता है और दूसरा शैतान उससे कहता है के तेरा इस इन्सान पर क्या काबू चलेगा जो हिदायत दिया गया, किफायत किया गया और हिफाज़त किया गया ?
![Ghar me Dakhil hone ki Dua](https://duainhindi.in/wp-content/uploads/2023/11/Ghar-se-Nikalne-ki-Dua-2-1-300x300.jpg)
घर में दाखिल होने की दुआ :
بسم الله
बिस्मिल्लाह 2
तर्जुमा : अल्लाह के नाम से ।
फजीलत : रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया : जब आदमी अपने घर में दाखिल हुवा और दाखिल होते वक़्त और खाते वक़्त उसने अल्लाह का नाम लिया तो शैतान अपने ताबेदारों (मातहतों, हुकम मानने वालों) से कहता है के तुम्हारे लिए यहाँ न ठहर ने की जगह है और न खाना है । और जब (आदमी) घर में दाखिल होते वक़्त अल्लाह का नाम नहीं लेता तो शैतान (अपने साथियों से) कहता है तुम्हें रहने का ठिकाना मिल गया।