तहारत (बैतूलखला) की दुआएँ

Taharat ki Duaayein, Baitul khala, Washroom, Bathroom, Peshab Pakhana jane ki Dua

वजाहत : पेशाब-पाख़ाना की जगह में दाख़िल होते वक़्त पहले बायाँ पैर अंदर रखना चाहिए और दाहिने पैर से निकलना चाहिए।

बैतूलखला, पेशाब – पाख़ाने की जगह में दाख़िल होने की दुआएँ :

वज़ाहत : यह दोनों दुआएँ पढ़नी चाहिए ।

بسم الله 

१. बिस्मिल्लाह 1

तर्जुमा : अल्लाह के नाम से ।

फाइदा : पेशाब – पाख़ाना जाते वक़्त ‘बिस्मिल्लाह’ कहने से जिन्नों की आँखों

से पर्दा हो जाता है ।

اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْخُبُثِ وَالْخَبَائِثِ 

२. अल्लाहुम्म इन्नी अऊजु बि क मिनल खुबुसि वल् ख़बाइस 2

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! मैं तुझ से पनाह माँगता हूँ नापाक जिन्नों और जिन्नियों से ।


बैतूलखला, पेशाब – पाखाने की जगह से निकल कर पढ़ने की दुआ:

غُفْرَانَكَ

गुफरानक 3

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मैं तुझ से माफी चाहता हूँ।

वजाहत : पेशाब – पाख़ाना की जगह से निकलने की दुआ : अल्हम्दु लिल्लाहिल्ली अ-अनिल अजा वआफानी इस रिवायत को अल्लामा अल्बानीने ज़ईफ कहा है। सुनन इब्ने माजह: किताबुत्तहारत (301)

  1. सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल अल्बानी : किताबुल जुमुअह ( 1/606) ↩︎
  2. सहीह मुस्लिम : किताबुल हैज़ (1/461) ↩︎
  3. सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल अल्बानी : किताबुत्तहारत (177) ↩︎