कपड़ा पहनने, आईना देखने और नज़रे बद की दुआएँ

Kapda Pehanne, Aaina / Sheesha / Mirror dekhne ki dua aur Nazre Bad ki Duaayein

कपड़ा उतारने की दुआ:

بسم الله

बिस्मिल्लाह 1 (सहीह)

फाइदा : बैतुल्ख़ला (पाखाना) में दाख़िल होते वक़्त बिस्मिल्लाह कहने से जिन्नों की आँखों पर पर्दा हो जाता है, इसलिए कपड़ा बदलते वक़्त भी बिस्मिल्लाह कहना चाहिए ताकि इस मौका पर भी जिन्नों की आँखों से पर्दा हो जाए ।


नया कपड़ा पहनने की दुआ:

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब नया कपड़ा पहनते तो कपड़े का नाम लेते फिर यह दुआ पढ़ते। 

اللهُم لَكَ الْحَمْدُ، أَنْتَ كَسَوْتَنِيْهِ، أَسْتَلْكَ خَيْرَهُ ، وَ خَيْرَ مَا صُنِعَ لَهُ، وَاعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهِ وَ شَرِّ مَا صُنِعَ لَهُ 

अल्लाहुम्म लकल हम्दु अन्त कसव्-तनीहि अस्अलु-क ख़ैरहू व खैर मा सुनिअ – लहु, वअऊजुबि – शर्रिही वशर – रिमा सुनिअ – लहु 2 (सहीह)

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! तेरे लिए हम्द है, तूने मुझे यह कपड़ा पहनाया मैं तुझ से माँगता हूँ उसकी ख़ैर (भलाई) और उस चीज़ की ख़ैर जिस के लिए वह बनाया गया है और मैं तुझ से पनाह माँगता हूँ उस के शर ( बुराई) से और उस चीज़ के शर से जिस के लिए वह बनाया गया है।


नया कपड़ा पहनने वाले को यह दुआ देना चाहिए:

تبلى وَيُخْلِفُ اللَّهُ تَعَالَى

तुब्ली व युरिव्लफुल्लाहु तआला 3 (सहीह )

तर्जुमा : अल्लाह करे तुम इसे पुराना करो और अल्लाह तुम्हें और अता फरमाए।

वज़ाहत : सहाब-ए-किराम नया कपड़ा पहनने वाले को यह दुआ देते थे।


आईना देखने की दुआ:

اللهُمْ كَمَا حَسنَتَ خَلْقِي فَحَسِنُ خُلُقِى  

अल्लाहुम्म कमा हस् सन्त ख़ल्की फ-हस्सिन खुलुकी 4 (सहीह )

तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! जिस तरह तूने मेरी सूरत अच्छी बनाई है इसी तरह मेरे अख़लाक़ अच्छे बना दे।


पसंदीदह बात (चीज़) को देख कर यह दुआ पढ़े:

الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي بِنِعْمَتِهِ تَتِمُّ الصَّالِحَاتُ  

अल्हम्दुलिल्लाहिल्लजी बिनिअमतिही ततिम्मुस्सालिहात 5 (हसन)

तर्जुमा : तमाम तारीफ अल्लाह के लिए है जिसकी महेरबानी से अच्छे काम पूरे होते हैं।


नापसंदीदह चीज़ को देख कर यह दुआ पढ़े:

الْحَمْدُ لِلَّهِ عَلَى كُلِّ حَالٍ 

अल्हम्दुलिल्लाहि अला कुल्लि हाल 6 (हसन)

तर्जुमा : हर हाल में अल्लाह का शुक्र है। 


नज़रे बद से बचने की दुआ:

जिस को अपना या किसी का माल, औलाद अच्छी लगे तो यह दुआ पढ़े ।

مَا شَاءَ اللَّهُ لَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ

माशाअल्लाहु लाकुव्व-त- इल्ला बिल्लाह 7

तर्जुमा : जो अल्लाह चाहे कोई ताकत नहीं मगर अल्लाह की मदद से। 


नज़रे बद दूर करने की दुआ:

اَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللهِ التّامَّةِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَ مِنْ كُلِّ عَيْنٍ لَّامَّةٍ  

अऊजूबि -कलिमातिल्लाहित्ताम्मती मिन कुल्ली शैतानिंव व् हाम्मतिंव व मिन कुल्लि अैनिल्लाम्मह 8

तर्जुमा : मैं अल्लाह के पूरे कलिमों के जरीए पनाह माँगता हूँ हर शैतान की बुराई से और हर तकलीफ देने वाले जानवर की बुराई से, और हर नज़र लगने वाली आँख की बुराई से।

वजाहत : रसूलुल्लाह ﷺ हज़रत हसन और हज़रत हुसैन के लिए इन कलिमों से पनाह माँगते थे और फरमाते थे के हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम और हज़रत इस्हाक अलैहिस्सलाम के लिए इन कलिमों से पनाह माँगा करते थे।

  1. सहीह तिर्मिज़ीलिलअल्बानी : किताबुलजुमुअह ( 1/606) ↩︎
  2. सहीह तिर्मिज़ीलिलअल्बानी : किताबुल्लिबास ( 2 / 1767) ↩︎
  3. सुनन अबीदाऊद : किताबुल्लिबास (4020) ↩︎
  4. अर्वाउलगलील-लिल अल्बानी : बाबुस्सिवाक (1/113) ↩︎
  5. सुनन इब्ने माजह: किताबुल अदब ( 3803 ) ↩︎
  6. सुनन इब्ने माजह: किताबुल अदब ( 3803 ) ↩︎
  7. सूरह कहफ : आयत 39 ( तफसीर इब्ने कसीर) ↩︎
  8. सहीह बुख़ारी : बदउलख़ल्क (2/315) ↩︎