Bazar me Jane ki Dua, Naya Phal Dekhne ki Dua
बाज़ार में दाखिल होने की दुआ
لا إلهَ إِلَّا اللهُ وَحْدَهُ ، لَا شَرِيكَ لَهُ ، لَهُ الْمُلْكُ ، وَلَهُ الْحَمْدُ ، يُحْيِى وَيُمِيتُ، وَهُوَ حَيٌّ لَا يَمُوتُ، بِيَدِهِ الْخَيْرُ، وَ هُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
ला इलाह इल्लल्लाहु वदहू ला शरी-क-लहू, लहुल मुल्कु व-ल-हुल-हम्दु, युहयी वयुमीतु वहु-व. हैन ला मू बियदिहि ल-रवैरू वहु-व अलाकुल्लि शैइन क़दीर. 1 (हसन )
तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं, वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं, उसी का मुल्क है और उसी के लिए हम्द है। वही ज़िन्दह करता है और वही मौत देता है और वही हमेशा ज़िन्दह रहेगा, उसे मौत नहीं आएगी उसी के हाथ में भलाई है और वह हर चीज़ पर कादिर है।
फज़ीलत : रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया जो यह दुआ पढ़ेगा तो अल्लाह उस के लिए दस लाख नेकियाँ लिखेगा और दस लाख बुराईयाँ दूर करेगा और उस के दस लाख दर्जे बुलंद (ऊँचे) होंगे।
नया फल देखकर पढ़ने की दुआ:
اللَّهُمَّ بَارِكُ لَنَا فِي ثَمَرِنَا، وَبَارِكُ لَنَا فِي مَدِينَتِنَا، وَ بَارِكُ لَنَا فِي صَاعِنَا، وَبَارِك لَنَا فِي مُدِّنَا۔
अल्लाहुम्म बारिक लना फी-स-म- रिना व बारिक लना फी मदीनतिना व बारिक लना फी सा-इना व बारिकलना फी मुददीना 2
तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! बरकत दे तू हमारे फलों में और बरकत दे हमारे शहर में और बरकत दे हमारे साअ और बरकत दे हमारे मुद में । (साअ और मुद अरब के माप तोल के पैमाने थे)
- सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिलअल्बानी : किताबुददअवात ( 3 / 3428) ↩︎
- सहीह मुस्लिम : किताबुल हज ( ३ / ३९१ ) ↩︎