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Barish ki Duaayein
इस्तिस्का (बारिश माँगने) की दुआएँ:
اللهم اسْقِنَا اللَّهُمَّ اسْقِنَا، اللهُمَّ اسْقِنَا
1.अल्लाहुम्मस्किना, अल्लाहुम्मस्किना, अल्लाहुम्मस्किना 1
तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! हमें पिला, ऐ अल्लाह ! हमें पिला, ऐ अल्लाह ! हमें पिला।
اَللّهُمَّ اَغِثْنَا، اَللَّهُمَّ اَعْتَنَاء اللَّهُمَّ اَغِثْنَا
2. अल्लाहुम्म अगिरना, अल्लाहुम्म अगिरना, अल्लाहुम्म अगिरना 2
तर्जुमा: ऐ अल्लाह ! हम पर बरसात भेज, ऐ अल्लाह ! हम पर बरसात भेज, ऐ अल्लाह ! हम पर बरसात भेज ।
اللَّهُمَّ اسْقِ عِبَادَكَ، وَ بَهَائِمَكَ، وَانْشُرُ رَحْمَتَكَ، وَ أَحْيِ بَلَدَكَ
3. अल्लाहुम्मस्कि इबादक, व बहाइमक, वन्शुर रहमतक, व-अह यी -ब-ल-द- कल – मय्यित. 3 (हसन)
तर्जुमा: ऐ अल्लाह ! अपने बंदों को पिला, और अपने जानवरों को और अपनी रहमत को फैला दे, और अपने मुर्दा शहर को जिंदा कर दे।
اللَّهُمَّ اسْقِنَا، غَيْناً مُّغِيثاً، مَّرِيباً ، مَّرِيعاً، نَافِعاً غَيْرَ ضَارٌ، عَاجِلا غَيْرَ احِلٍ.
4. अल्लाहुम्मस्किना, गैसम मुगीसम, मरीअम, मरीअन, नाफिअन, गैर-ज़ार-रिन, आजिलन, गै-र आजिल. 4(सहीह)
तर्जुमाः ऐ अल्लाह ! हमें पिला ऐसी बारिश से जो खुश्गवार और खुब होन वाली हो, जो नफा देने वाली हो, नुकसान पहुँचाने वाली न हो। जल्दी आने वाली हो, देर करने वाली न हो।
बादल छाने के वक़्त की दुआ:
اللهُمَّ اِنَّا نَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّ مَا أُرْسِلَ بِهِ
अल्लाहुम्म इन्ना नऊजुबि -क मिन शर्रि मा उर्सि ल बिह. 5 (सहीह)
तर्जुमाः ऐ अल्लाह ! बेशक हम तुझ से पनाह माँगते हैं उस बुराई से जिस के साथ इस को भेजा गया है।
बादल बिखर जाएँ तब की दुआ:
الْحَمْدُ لِلَّهِ
अल्हम्दुलिल्लाह 6 (सहीह)
तर्जुमाः तमाम तारीफें अल्लाह के लिए हैं।
वजाहत : रसूलुल्लाह ﷺ बदली खुल जाती तो अल्हम्दुलिल्लाह कहते।
तूफान (तेज़ हवा – आँधी) के वक़्त दुआ:
اللهم إنّي اَسْتَلْكَ خَيْرَهَا، وَخَيْرَ مَا فِيْهَا، وَ خَيْرَ مَا أُرْسِلَتْ بِهِ وَ اَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهَا، وَ شَرِّ مَا فِيهَا، وَ شَرِّ مَا أُرْسِلَتْ بِهِ
अल्लाहुम्म इन्नी अस्अलु-क ख़ैरहा, वख़ैर माफीहा, व ख़ैरमा उर्सी – लत् बिहि, व अऊजुबि क मिन शर्रिहा, माफीहा, वशर्रिमा उर्सि- लत्-बिह. 7
तर्जुमाः ऐ अल्लाह ! बेशक मैं तुझ से सवाल करता हूँ इस हवा की भलाई का और जो इस में है इस की भलाई का और जिस के साथ भेजी गई है इस की भलाई का और मैं तुझ से पनाह माँगता हूँ इस हवा की बुराई से और जो इस में है इस की बुराई से और जिस के साथ भेजी गई है इस की बुराई से।
वजाहत : जब हवा तेज़ चलती, गरज और बिजली होती तो आप ﷺ घबरा जाते, चेहरा बदल जाता। आप बाहर निकलते और अंदर जाते, आगे आते और पीछे जाते। इस डर से के कहीं यह अज़ाब न हो। क्योंकि कौमे आद इसी अज़ाब से हलाक हो गई थी।
बिजली गरज के वक़्त की दुआ:
سُبْحَانَ اللَّهِ الَّذِي
يُسَبِّحُ الرَّعْدُ بِحَمْدِهِ وَالْمَلَائِكَةُ مِنْ خِيفَتِهِ
सुब्हानल्लाहिल्लजी युसब्बिहुर- रअदु – बिहम्दीहि-वल मलाइकतु-मिन-खी-फतिह 8
तर्जुमा : पाक है वह ज़ात जिस के ख़ौफ से गरज और फरिश्ते सब उस की तारीफ करते हैं।
वजाहत :
1 क़वसैन (कौंस) में सूरह रद की आयत ( 13 ) है।
2 अब्दुल्लाह बिन जुबैर गरज के वक़्त यह दुआ पढ़ते थे।
वज़ाहत : गरज के वक़्त की मशहूर दुआ “अल्लाहुम्म ला तकतुलना बिगज़बिक” इस दुआ को अल्लामा अल्बानी ने ज़ईफ कहा है। ज़ईफ तिर्मिज़ीलिलअल्बानी ( अददवात 3450 )
बारिश देखकर पढ़ी जाने वाली दुआएँ:
اللهُمَّ صَيِّباً نَّا فِعاً
1. अल्लाहुम्म सय्यिबन – नाफिआ 9
तर्जुमाः ऐ अल्लाह ! नफा देने वाली बारिश बरसा।
اللَّهُمَّ صَيِّباً هَنِياً
2. अल्लाहुम्म सय्यिबन – हनीआ 10 (सहीह )
तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! बरकत वाली खुब बारिश बरसा।
बारिश हो जाने के बाद की दुआ:
مُطِرُنَا بِفَضْلِ اللهِ وَ رَحْمَتِهِ
मु-तिरना बि-फज़लिल्लाहि व-रहमतिह 11
तर्जुमा : हम पर अल्लाह के फ़ज़्ल और उस की रहमत से बारिश हुई।
बारिश ज़रूरत से ज़्यादा हो तब की दुआएँ:
اللهُم حَوَالَيْنَا وَلَا عَلَيْنَا
1. अल्लाहुम्म हवालैना-वला-अलैना. 12
اللهُم حَوَالَيْنَا وَلَا عَلَيْنَا اللَّهُمْ عَلَى الْأَكَامِ وَالْجِبَالِ،
وَالظُّرَابِ، وَالْاَوْدِيَةِ، وَمَنَابِتِ الشَّجَرِ
2. अल्लाहुम्म हवाना वला अल्लाहुम्म अ- लल्आकामि, वल जिबालि, वज्जिराबि, वल अव्-दियति, व मनाबितिश्शजर 13
तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! हमारे अतराफ में बरसा, हमारे ऊपर नहीं, ऐ अल्लाह ! टीलों पर और पहाड़ों पर और छोटे टीलों पर और वादीयों पर और दरख़्तो के उगने की जगहों पर।
- सहीह बुख़ारी : किताबुल इस्तिस्का ( 1/468) ↩︎
- सहीह बुख़ारी : किताबुल इस्तिस्का ( 1/469 ) ↩︎
- सुनन अबी दाऊद : किताबुस्सलात (1176) ↩︎
- सुनन अबी दाऊद : किताबुस्सलात (1169) ↩︎
- सुनन इब्ने माजह: किताबुददुआ (3889) ↩︎
- सुनन इब्ने माजह: किताबुददुआ (3889) ↩︎
- सहीह मुस्लिम : किताबु सलातिल इस्तिस्का ( 2/348) ↩︎
- इब्नेकसीर : सूरह रध्द आयत ( 13 ) की तफ्सीर ↩︎
- सहीह बुख़ारी : किताबुल इस्तिस्का ( 1/476) ↩︎
- सुनन अबी दाऊद : किताबुल अदब (5099 ) ↩︎
- सहीह बुख़ारी : किताबुल इस्तिस्का ( 1/478) ↩︎
- सुहीह बुख़ारी : किताबुल इस्तिस्का ( 1/470 ) ↩︎
- सहीह बुख़ारी किताबुल इस्तिस्का ( 1/468) ↩︎