Kalima e Shahadat
कलिमए शहादत
اَشْهَدُ اَنْ لا إِلَهَ إِلا الله، وَ اَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
अश्हदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुह.
तर्जुमा : मैं गवाही देता हूँ के अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं और मैं गवाही देता हूँ के बेशक मुहम्मद (ﷺ) अल्लाह के बन्दे और उसके रसूल हैं।
फज़ीलत:
1. कलिमए शहादत कियामत के दिन मीज़ान (तराज़ू) के एक पलड़े में और दूसरे पलड़े में एक गुनाहगार के सारे गुनाह होंगे, फिर भी कलिमए शहादत वाला पलड़ा भारी होगा। 1
2. कलिमए शहादत कहने वाले पर अल्लाह जहन्नम हराम कर देता है। 2
3. कलिमए शहादत इस्लाम की उन पाँच चीज़ों में सब से पहली चीज़ है जिस पर इस्लाम की बुनियाद है। 3
- सहीह सुननुत्तिर्मिज़ी लिल्अल्बानी : किताबुल ईमान ( 3 / 2639) (सहीह) ↩︎
- सहीह मुस्लिम : किताबुल ईमान ( 1/117) ↩︎
- सहीह मुस्लिम : किताबुल ईमान ( 1 / 92 ) ↩︎